प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2019 में किसानों के लिए सौर ऊर्जा क्षमता विकसित करने के लिए PM Kusum Yojana शुरू की। इसका मुख्य उद्देश्य किसानों को सोलर एनर्जी से चलने वाले पंपों का उपयोग करना है। यह स्थायी और पर्यावरण अनुकूल सिंचाई प्रणाली है।
यह प्रणाली ग्रिड बिजली पर निर्भर नहीं है। सोलर पंप किसानों को बिजली के खर्च से मुक्त करते हैं। साथ ही, यह पर्यावरण को भी सुरक्षित रखता है। जिससे किसानों को स्वच्छ ऊर्जा के साथ-साथ आय का भी लाभ मिलता है।
क्या आप जानते हैं कि पीएम कुसुम योजना के तहत किसानों को क्या-क्या लाभ मिलते हैं? इस योजना के तहत, किसानों को सब्सिडी के साथ अन्य लाभ भी मिलते हैं। वे अपने खेतों में सोलर पंप लगाकर सिंचाई कर सकते हैं। आगे लेख में हम आपको pm kusum yojana in hindi में विस्तार से बतायेगे।
PM कुसुम योजना क्या है
भारत सरकार पीएम कुसुम योजना के माध्यम से किसानों को खेती की सिचाई के लिए कम कीमत पर सौर ऊर्जा का लाभ प्रदान करना है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को अपनी भूमि पर सौर ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित करने में मदद करना है। इससे किसान अतिरिक्त आय प्राप्त कर सकते हैं। वे अपने द्वारा उत्पादित अधिशेष बिजली को ग्रिड में बेच सकते हैं। केंद्र सरकार ने इस योजना के लिए 34,000 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया है।
इसके अलावा, कृषि पंपों के लिए सस्ती और क्लीन ऊर्जा का उपयोग किया जा सकता है। प्रधान मंत्री कुसुम योजना के तहत, वर्ष 2022 तक 30.8 गीगावाट की अतिरिक्त सौर क्षमता प्राप्त करने का लक्ष्य रखा गया है। इससे न केवल किसानों की आय बढ़ेगी, बल्कि पर्यावरण को भी लाभ होगा। अगर आप जानना चाहते है की कुसुम योजना में पंजीकरण कैसे कर सकता हूँ? तो निचे सम्पूर्ण जानकारी दी गई है।
PM Kusum Yojana के तीन जरूरी घटक
प्रधानमंत्री कुसुम योजना (PM Kusum Yojana) का उद्देश्य किसानों को स्थायी ऊर्जा प्रदान करना है। इसमें तीन मुख्य घटक शामिल हैं:
- घटक A: 10,000 मेगावाट क्षमता वाले विकेंद्रीकृत ग्रिडों को नवीकरणीय ऊर्जा संयंत्रों से जोड़ना।
- घटक B: 20 लाख सौर ऊर्जा से चलने वाले कृषि पंपों की स्थापना।
- घटक C: 15 लाख ग्रिड से जुड़े सौर ऊर्जा से चलने वाले कृषि पंपों का सौरीकरण।
इस योजना के तहत, किसानों को सौर ऊर्जा से चलने वाले पंप लगाने के लिए वित्तीय सहायता मिलती है। इससे उनकी लागत कम हो जाती है और वे सस्ती और स्वच्छ ऊर्जा का उपयोग कर सकते हैं।
योजना के तहत मिलने वाली सब्सिडी की जानकारी
पीएम कुसुम योजना के तहत, केंद्र सरकार किसानों को सोलर पंप लगाने के लिए 30% सब्सिडी देती है। राज्य सरकारें 45% सब्सिडी देती हैं। इस तरह, किसानों को केवल 25% का भुगतान करना पड़ता है।
इसके अलावा, सरकार सोलर पंपों के लिए बीमा भी प्रदान करती है।
उत्तर प्रदेश में, पीएम-कुसुम योजना के तहत, किसानों को सब्सिडी मिलती है। अनुसूचित जाति, वन-टांगिया और मुसहर समुदाय के लोगों को 100% सब्सिडी मिलती है।
अन्य श्रेणियों के लोगों को 90% सब्सिडी मिलती है। वे केवल 10% लागत का योगदान देते हैं।
राजस्थान में, पीएम कुसुम योजना के तहत, सरकार 60% खर्च वहन करती है। पात्र किसानों को 45,000 रुपये का अनुदान भी मिलता है।
पीएम कुसुम योजना राजस्थान में आवेदन करने के लिए 7 दस्तावेज़ आवश्यक हैं।
सारांश में, पीएम कुसुम योजना के तहत, किसानों को सोलर पंप लगाने के लिए 75-100% सब्सिडी मिलती है। यह उनके वित्तीय बोझ को कम करता है।
कुसुम सोलर योजना के लिए कौन पात्र है?
पीएम कुसुम योजना का लाभ लेने के लिए, इन पात्रताओं को पूरा करना होगा।
- आवेदक किसान होना चाहिए।
- कृषि भूमि का मालिक होना आवश्यक है।
- किसानों की आयु 21 से 60 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
- आवश्यक सभी दस्तावेज मौजूद होने चाहिए।
- किसानों को अपने राज्य के कृषि विभाग या नवीकरणीय ऊर्जा विभाग से संपर्क करना होगा।
PM कुसुम योजना के लिए आवश्यक दस्तावेज
यह सभी दस्तावेज अगर आपके पास है तभी योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं।
- आधार कार्ड
- भूमि स्वामित्व प्रमाण पत्र
- बैंक खाता विवरण
- फोटो
- पहचान पत्र
सौर पंपों की स्थापना से किसानों की बिजली की लागत कम होती है। इससे उनकी उत्पादन क्षमता भी बढ़ती है। योजना का उद्देश्य किसानों को सस्ती और स्वच्छ ऊर्जा प्रदान करना है।
कुसुम योजना के लिए न्यूनतम भूमि कितनी होनी चाहिए?
PM कुसुम योजना के तहत, किसानों को सौर ऊर्जा आधारित पंप लगाने के लिए भूमि की आवश्यकता होती है। यह आवश्यक भूमि की मात्रा पंप की क्षमता पर निर्भर करती है।
आमतौर पर, 3 HP से 10 HP तक के पंपों के लिए 0.5 से 1 एकड़ भूमि की आवश्यकता होती है। स्थापना प्रक्रिया में सोलर पैनल, इन्वर्टर, और पंप की स्थापना शामिल है। किसानों को स्थानीय सरकारी एजेंसियों या प्रमाणित विक्रेताओं से सहायता लेनी चाहिए।
कुसुम योजना में, सरकार किसानों को सौर पंप लगाने के लिए 60% सब्सिडी देती है। इसके अलावा, 30% ऋण भी मिलता है। केवल 10% की लागत किसान को वहन करनी होती है। कुसुम योजना ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन महाराष्ट्र में भी उपलब्ध है।
इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को सौर ऊर्जा आधारित सिंचाई प्रणाली प्रदान करना है। इससे उनकी आय बढ़ेगी और पर्यावरण बचेगा। किसान इस योजना से लाभान्वित होंगे और अपने खेतों में बिना चिंता के सिंचाई कर पाएंगे।
आवेदन प्रक्रिया और ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन
पीएम कुसुम योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया राज्य-विशिष्ट है। किसान अपने राज्य के कृषि या नवीकरणीय ऊर्जा विभाग की वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इसमें व्यक्तिगत विवरण, भूमि विवरण, और आवश्यक दस्तावेजों को अपलोड करना शामिल है। आवेदन जमा करने के बाद, किसान कुसुम योजना का ऑनलाइन फॉर्म की स्थिति ऑनलाइन ट्रैक कर सकते हैं।
आवेदन प्रक्रिया इस प्रकार से है।
- राज्य की वेबसाइट पर जाकर “ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन” पर क्लिक करें।
- आवेदन फॉर्म भरें, जिसमें व्यक्तिगत विवरण, भूमि विवरण और आवश्यक दस्तावेज शामिल हैं।
- दस्तावेज अपलोड करें, जैसे आधार कार्ड, भूमि स्वामित्व प्रमाण, बैंक खाता विवरण आदि।
- फॉर्म सबमिट करें और pm kusum yojana status ट्रैक करें।
निष्कर्ष
हमने आज किसानो से जुडी पीएम कुसुम योजना के बारे में विस्तार से बताया है अन्य किसी भी जानकारी के लिए आप कुसुम योजना टोल फ्री नंबर या हमसे कमेंट के माध्यम से पूछ सकते है।